Mann ki baat live today

Mann ki baat live today प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत ‘मन की बात’ कार्यक्रम ने भारतीय जनमानस में एक विशेष स्थान बनाया है। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम न केवल सरकार और जनता के बीच संवाद का सेतु बना है, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज, 11 मार्च 2025 को, हम इस कार्यक्रम की यात्रा, उसके प्रभाव और आगामी संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
‘मन की बात’ की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात‘ की शुरुआत अक्टूबर 2014 में की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य जनता से सीधे संवाद स्थापित करना था। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने सामाजिक मुद्दों, राष्ट्रीय उपलब्धियों और नागरिक कर्तव्यों पर चर्चा की है, जिससे जनता में जागरूकता और सहभागिता बढ़ी है
कार्यक्रम की लोकप्रियता और पहुँच
‘मन की बात’ की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है। आकाशवाणी के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों द्वारा इसका प्रसारण सुनिश्चित किया जाता है, जिससे यह कार्यक्रम देश के कोने-कोने तक पहुँचता है। एक अध्ययन के अनुसार, 19 से 34 वर्ष के लगभग 62% युवा मोबाइल पर ‘मन की बात’ सुनते हैं, जबकि 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग टीवी पर इस कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हैं
कार्यक्रम का सामाजिक प्रभाव
‘मन की बात’ ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, और फिट इंडिया मूवमेंट जैसे अभियानों को इस कार्यक्रम के माध्यम से व्यापक समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री द्वारा साझा की गई कहानियाँ और उदाहरण लोगों को प्रेरित करते हैं और समाज में जागरूकता फैलाने में सहायता करते हैं।
आलोचनाएँ और चुनौतियाँ
हालांकि ‘मन की बात‘ की व्यापक सराहना हुई है, लेकिन कुछ आलोचनाएँ भी सामने आई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कार्यक्रम एकतरफा संवाद है, जहाँ जनता की प्रत्यक्ष भागीदारी सीमित है। इसके अलावा, राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की कमी को भी कुछ वर्गों ने रेखांकित किया है। इन चुनौतियों के बावजूद, कार्यक्रम ने अपनी लोकप्रियता बनाए रखी है और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
भविष्य की संभावनाएँ
आने वाले समय में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में और नवाचार देखने को मिल सकते हैं। जनता की सहभागिता बढ़ाने के लिए इंटरएक्टिव सेगमेंट्स, सोशल मीडिया इंटिग्रेशन, और लाइव प्रश्नोत्तर सत्र जोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आमंत्रित करके विशेष विषयों पर गहन चर्चा की जा सकती है, जिससे कार्यक्रम की गहराई और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।